Tuesday, October 29, 2024

मस्तानी -भाग 3

 

वर्तमान युग की लडकियां

बी.एस.सी., बी.एड करने तक तो मस्तानी को पता ही चला कि वह जवानी की दहलीज पर पैर रख चुकी थी | वैसे तो वह बचपन से ही सुन्दर, चंचल, चरित्रवान, भोली-भाली तथा पढने लिखने में होशियार थी | अभी भी वह अपने इर्द-गिर्द फ़ैली फरेबी दुनिया से अनभिग्य तथा आदमी-औरत के आपसी रिश्तों से बेखबर एक सादा जीवन व्यतीत कर रही थी | बी.एड. करने के बाद आगे एम्.एस.सी करने के मध्य उसे काफी समय घर बैठ कर ही गुजारना था अत: उस समय का सदुपयोग करने के लिए उसने किसी आफिस में नौकरी करने का मन बना लिया |

उसके आफिस में लड़कों के साथ बहुत सी लडकियां भी नौकरी करती थी | इसके अलावा सभी लडकियां पूरी सजधज कर आती थी परन्तु मस्तानी ने अपना साधारण लिबास ही बरकरार रखा | दूसरी लडकियां मस्तानी को रोजाना उकसाती थी और जब हँसकर पूछती, वह कब वर्तमान युग में पदार्पण करेगी |” 

मस्तानी का जवाब होता, मैं वर्तमान युग में ही तो जी रही हूँ |”

लडकियां :- यह बहन जी का लिबास कब त्यागोगी |

मस्तानी :_ कौन सा बहन जी का लिबास |

एक लडकी (चुन्नी पकड़कर) :- यह |

मस्तानी (बड़ी मासूमियत से चुन्नी पकड़ कर) :- इसे बहन जी कहते हैं ?

सभी लडकियां खिलखिलाकर हसंते हुए बोली, और क्या ये तो पुराना फैशन है |”

मस्तानी :- भई मुझे तो यही सुहाता है |

एक :- लो भई,   इसे तो दीन -दुनिया के बारे में शायद अभी तक पता ही नहीं है |

दूसरी : अरे इस उमर में तो सभी जान जाती हैं कि कैसे क्या होता है |

तीसरी :- शायद बन रही है  या हमें बना रही होगी |

चौथी :- हो सकता है अभी तक इसने कुँए के एक मेढ़क की तरह जीवन जिया हो |

लडकियां :- अच्छा ये तो बताओ कि तुम्हारा नाम क्या है ?

मस्तानी

नाम मस्तानी और पहनावा जनानी कहकर सभी लड़कियों ने एक जोर का ठहाका लगाया |

पहली :- अरे इस जनानियापन से बाहर निकलो |

दूसरी :- हमारी तरह पेंट और टीशर्ट में जाओ |

तीसरी :- इसके साथ-साथ थोड़ा मेकप भी चलेगा |

चौथी :- वैसे तो तुम बहुत सुन्दर हो परन्तु थोड़ा मेकप तुम्हारी खूबसूरती में चार चाँद लगा देगा |

मस्तानी :- मुझे मेकप करना सुहाता नहीं |

लडकियां :- हमने तो कहा ही है कि तुम बहुत सुन्दर हो परन्तु मेकप से तुम्हारे चेहरे पर थोड़ा और निखार जाएगा |

घर आकर मस्तानी इसी उलझन में रही कि कल थोड़ा मेकप करके जाऊं या नहीं | सुबह उठकर उसने मन बना लिया कि उसे अपनी साथियों का भी मन रख लेना चाहिए अत: अधिक तो कुछ नहीं आज अपने होठों पर हल्की सी लिपस्टिक लगा कर आफिस चली गयी |