समझाने की कोशिश (24)
इसी तरह एक अन्य मौके पर
लिखा:
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए, फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी, फिर खाई को भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप, इस चुप्पी को फिर
तोडे़गा कौन ?
छोटी बात को, लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी
बिछड़कर, सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा
कौन ?
न मैं राजी न तुम राजी, फिर माफ़ करने का
बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा, यादों में दिल
कभी, तो फिर धैर्य
बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है
सदा के लिए ,फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से, गर किसी दिन एक ने आँखें, तो कल इस बात पर
फिर
पछतायेगा कौन ?
•Respect Each Other•
थोड़े दिनों बाद नाना जी
ने फिर मदन जी को फोन किया | बहुत दिन हो गए आप से मिले | समय निकाल कर कभी मिल लो
|
नाना जी ठीक है | बताओ
कहाँ मिलना है ?
घर पर ही मिलेंगे और कहाँ
|
मैं घर तो किसी के आऊंगा
नहीं | आप बाहर कहीं भी मिलने का प्रोग्राम बना लो |
नाना जी ने बहुत समझाया
कि हमारे चार पांच घर हैं कहीं भी आ जाओ परन्तु वे अपनी बात से टस से मस न हुए | आखिर
नाना जी को झुकना पडा और कहा ठीक है |
मदन ने इस पर कहते हुए कि
आप बता देना कि कहाँ और कब मिलना है फोन
काटना ही चाहा था कि नाना जी ने पूछा परन्तु यह तो पता चले कि मिलकर किस विषय पर
बात करनी है |
यह तो आप मस्तानी से ही
पूछना |
वह तो मैं पूछ ही लूंगा
परन्तु आपकी भी तो कुछ नाराजगी होगी |
मेरी कोइ नाराजगी नहीं है
|
नाराजगी भी नहीं है और घर
भी आना नहीं चाहते |
नहीं पहले आप मस्ताननी से
ही पता करें कि वह यहाँ क्यों नहीं आ रही है
कौन कहता है कि वह ससुराल
नहीं जाना चाहती | आप लिवाने आओ मैं गारंटी से उसे भिजवा दूंगा |
नहीं पहले आप उससे पता कर
लो कि उसे ससुराल में क्या दिक्कत है |
मदन की बात मानते हुए
नाना जी ने मस्तानी के दिल की सारी बातें जान ली तथा मदन को फोन मिलाया | मदन जी ,
मैंने मस्तानी से सारी बातें जान ली हैं अब आप अपने दिल की बात भी बताओ |
मेरे पास बताने के लिए
कुछ है ही नहीं अत: आप बताओ कि उसने क्या बताया है |
देखो जी आपने मुझे बीच
में डाला है तो मैं दोनों की नाराजगी को जानकार ही तो कुछ निर्णय ले सकता हूँ |
नहीं मेरी कोइ नाराजगी
नहीं है |
तो फिर खुशी-खुशी आओ और मस्तानी
को लिवाकर ले जाओ |
मैं तो आऊँगा नहीं | आप
बताओ कि मस्तानी ने क्या क्या बताया है |
फिर वही बात, आप अपनी
नाराजगी का कारण तो बता नहीं रहे केवल दूसरे की पूछना चाहते हो | आप अपने बड़ों से
भी बात करवाने में राजी नहीं हो | मैं दोनों तरफ की बात जाने बिना किसी का भी राज
नहीं खोलूंगा | जिस दिन भी आप अपनी न्माराजगी के कारण जाहीर कर देंगे , मै दोनों
की बातों का मिलान करके ही किसी निर्णय पर पहुँच सकता हूँ |
मस्तानी के साथ ससुराल
में कैसा व्यवहार किया गया था का काला चिटठा नाना जी ने निम्नलिखित बना कर तैयार तो कर लिया था परन्तु खुलासा
तब करता जब मदन अपने मन की बात खोलता |