Wednesday, September 13, 2023

उपन्यास - भगवती (समीक्षा)

 

समीक्षा - भगवती

प्रकृति ने मनुष्य एकमात्र ऐसा प्राणी बनाया है जो अपनी सुख, शांति, सहूलियत और उन्नति के लिए अपने बल और बुद्धि का प्रयोग करके प्राक्रतिक स्त्रोतों का उपयोग करने में सक्षम है | इसके साथ यह भी देखा गया है कि उन्नति के पथ तथा अपने लक्ष्य की तरफ वही अग्रसर हो पाया है जो दुःख और कठिनाईयों को झेलकर आगे बढ़ना सीखा है |

सभी मनुष्यों का दिमाग, जब कोई इस संसार में अवतरित होता है तो शक्ति से भरपूर होता है परन्तु जो व्यक्ति अपने जीवन का जैसा ध्येय चुनता है उसी अनुसार उसका दिमाग शरीर में अपनी शक्ति का संचार करता है | इसी लिए साहसी, निर्भय, और ऊंची सोच रखने वाले व्यक्ति दुःख, कठिनाई और समस्याओं पर जल्दी और आराम से पार पा लेते हैं | क्योंकि वे द्रड़ता तथा आस्था से अपने लक्ष्य की और बढ़ते हैं और उसको हासिल करके ही दम लेते हैं |

लेखक चरण सिहँ गुप्ता के इस उपन्यास भगवतीमें भी यही दर्शाया गया है | चाँदनी ने एक ऐसे गाँव में जन्म लिया था जहां लड़कियों की उन्नति के बारे में कोई सोचता ही न था | फिर भी समय और परिस्थितियों के अनुसार चाँदनी अपनी लगन, सेवाभाव और परिश्रम करके जनमानस के दिलों में बस गई | ‘जहां चाह वहाँ राहके प्रति कटिबद्ध चाँदनी के दाम्पत्य जीवन का ऐसे घर में पाणिग्रहण संस्कार हुआ जहां उसे मन की मुराद मिल गई | अपने ससुर की जीवनी से प्रेरणा पाकर ओर प्रेरित होकर उसने अपने टीचर बनने के सपने को साकार करने में सफलता हासिल कर ली |

अचानक अपने पति के संदेहास्पद रवैये ने चाँदनी के मन में शंका का बीज बो दिया | चाँदनी ने पति-पत्नी के आपसी विश्वास को कायम रखने का भरसक प्रयत्न किया | इसके लिए उसने कई हथकंडे अपनाए यहाँ तक कि उसने धार्मिक तीर्थ स्थानों के भ्रमण का सहारा भी लिया | परन्तु इसके थोड़े दिनों बाद ही चाँदनी की आशाएं चकनाचूर हो जाती जब उसके पति के कदम फिर बहकने लगते थे |

ससुराल की मान मर्यादा को ध्यान में रखकर चाँदनी ने अपने मन की बात अपने सास ससुर के सामने रखी परन्तु जब उसने महसूस किया कि अपनी उम्र के इस पड़ाव पर वे उसकी समस्या की तह तक पहुँचने में असमर्थ रहेंगे तो माँ भगवती द्वारा सपने में दिए आशीर्वाद को उसकी आज्ञा समझकर स्वंम ही अपने पति को इस दलदल से छुटकारा दिलाने का बीडा उठा लिया | अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए वह साहस, निडरता, बुद्धिमता और द्रद्द संकल्प लेकर आगे बढ़ी और अपनी सच्चाई तथा स्पष्टवादिता के कारण अपनी गृहस्थी को बिखरने से बचा लिया |

यह उपन्यास हर दृष्टिकोण से लेखक की एक सफल रचना है | 

चेतना मंगल

स्नातकोत्तर (हिन्दी)

बी.एड.  

भगवती

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