Sunday, September 10, 2017

मेरी आत्म कथा - भूमिका


भूमिका 
जीवन के रंग मेरे संग
वक्त कभी रूकता नहीं | वह हमेशा चलता ही रहता है और चलता भी है एक ही गति से | उसकी गति न कभी कम होती है न ज्यादा | चाहे उसके रास्ते में कितनी भी बड़ी से बड़ी बाधा आ जाए वह सब को लाँघ जाता है | यह कहना उचित होगा कि संसार में ऐसी कोई अड़चन नहीं जो उसकी चाल पर असर डाल सके | वक्त कभी मरता नहीं न ही वह बूढा होता है इसीलिए तो वह युगों युगों से एक समान चाल से चलता आ रहा है |
वक्त की मस्त मतवाली चाल देखकर पृथ्वी, आकाश तथा पाताल का हर प्राणी वक्त का अनुशरण करना चाहता है | हर जीव वक्त को पकड़ कर उसके अनुरूप अजर अमर होने को तत्पर रहता है परंतु आज तक वक्त को कोई पकड़ नहीं पाया |
वक्त तो अपनी निर्बाध गति से आगे बढता रहता है परंतु एक मनुष्य इस पृथ्वी पर जन्म लेने के बाद वक्त के साथ अपनी बाल्य अवस्था, जवान अवस्था, प्रौढ अवस्था तथा बूढेपन को प्राप्त करने के बाद इस संसार से विलीन हो जाता है |
मनुष्य को इस दुनिया में पदार्पण करने के बाद असंख्य प्रकार के घटनाक्रमों का सामना करना पड़ता है | उसे अमीरी-गरीबी, दुःख-दर्द, ईर्षा-द्वेष, प्रेम-त्याग इत्यादि क्षणों को सहन करना पड़ता है | इसी को विधि का विधान या किस्मत कहते हैं |
माना जाता है कि इस संसार में अवतरित हुआ हर प्राणी अपनी किस्मत में लिखे अनुसार ही अपना जीवन निर्वाह करते हुए सदगति को प्राप्त हो जाता है | वैसे यह भी माना जाता है कि मनुष्य अपनी किस्मत खुद बना सकता है | परंतु अपनी किस्मत खुद बनाने के लिए अग्रसर व्यक्ति को भी आखिर इसी बात पर भरोसा करना पड़ता है कि उसकी किस्मत में ऐसा ही होना लिखा था | क्योंकि कोई नहीं जानता कि भविष्य का अगला पल जीवन में क्या फेर बदल लाने वाला है |
दूसरों के जीवन के घटनाक्रमों से सीख लेकर मनुष्य अपना भविष्य कुछ हद तक सुखद तो बना सकता है परंतु यह सुनिश्चित कदापि नहीं कर सकता कि उसके साथ आगे कोई अनहोनी घटना घटित नहीं होगी |
दूसरों के जीवन के अनुभव तथा घटित घटनाक्रमों को जानने के लिए एक व्यक्ति को कोई न कोई माध्यम चाहिए | इस जानकारी के लिए किसी के द्वारा लिखित अनुभव से उत्कृष्ट माध्यम और क्या हो सकता है | परंतु इस संसार के कई करोड़ लोगों में से कुछ ही लेखन कला में पारांगत होते हैं जो अपने जीवन के अनुभव से दूसरों को अवगत कराने में कामयाब हो पाते हैं |
मेरे इस लेख 'जीवन के रंग मेरे संग' के माध्यम से मैं भी अपने जीवन के संस्मरणों को क्रमशः पाठकों तक पहुचाने का ऐसा ही प्रयास कर रहा हूँ |
चरण सिंह गुप्ता
डब्लू.जेड.-६५३, नारायणा गाँव
नई देहली-११००२८
मो:९३१३९८४४६३
Email:csgupta1946@gmail.com


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